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तनाव शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

  • Writer: Doc Tube
    Doc Tube
  • Aug 1, 2024
  • 2 min read

जीवन में घटी कोई घटना या अचानक से किसी चुनौती के सामने आने से व्यक्ति की जो शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रिया सामने आती है, उसे ही तनाव कहते हैं। किसी भी परिस्थिति या वातावरण में व्यक्ति तनाव का अनुभव कर सकता है और फिर यही तनाव व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बीमार बनाता है। इन परेशानियों से बचने के लिए यह समझना बेहद आवश्यक है कि तनाव शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?


दीर्घकालिक तनाव तंत्रिका तंत्र से लेकर प्रजनन प्रणाली तक, पूरे शरीर पर असर डालता है। शरीर का कोई भी हिस्सा तनाव से अछूता नहीं है। इससे निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं- 


  1. श्वसन एवं हृदय संबंधी समस्याएं- जब व्यक्ति तनाव में होता है, तो शरीर की ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है। ऐसे में फेफड़ों के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और व्यक्ति की सांसें तेज चलने लगती हैं।  बहुत ज्यादा तनाव, शरीर में एड्रेनालाईन के स्त्राव को ट्रिगर कर सकता है, जो रक्त के प्रवाह में वृद्धि का कारण बनता है। इस अवस्था में हृदय की गति और रक्तचाप बढ़ जाता है। लंबे समय तक तनाव का अनुभव दिल पर दबाव डालता है, जिससे रक्त पंप करने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और इस वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।

  2. अवसाद- तनाव शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, इसके जवाब में अवसाद का जिक्र करना जरूरी है। दरअसल, तनाव से ही अवसाद जैसी गंभीर बीमारी की शुरुआत होती है। लंबे समय तक चिंता व्यक्ति को कब डिप्रेशन का शिकार बना देती है, उसे ही पता नहीं चलता और यह बीमारी जानलेवा साबित भी हो सकती है।

  3. प्रजनन संबंधी समस्याएं- बहुत ज्यादा तनाव महिला और पुरुष, दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इससे न सिर्फ गर्भधारण में परेशानी हो सकती है बल्कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, लो सेक्स ड्राइव एवं महिलाओं को अनियमित माहवारी से भी गुजरना पड़ सकता है।

  4. पाचन की समस्या- कब्ज जैसी समस्याओं के लिए तनाव को एक अहम कारण माना गया है। इससे अपच, पेट फूलना, सीने में जलन, दस्त लगना व अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

  5. डायबिटीज- तनाव शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, इसके जवाब में डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी भी शामिल है। तनाव शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ा सकता है, जिसके कारण व्यक्ति टाइप 2 डायबिटीज की चपेट में आ सकता है।

  6. कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम- दीर्घकालिक तनाव इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर बना देता है। इससे बीमार या घायल होने के बाद ठीक होना कठिन हो सकता है। इतना ही नहीं कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता के कारण व्यक्ति फ्लू जैसे वायरस के संपर्क में आसानी से आ सकता है। इससे अन्य संक्रमण एवं बीमारियों की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ जाता है।


तनाव शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, इसका जवाब जानकर हर व्यक्ति को जागरूक होने और स्वयं को तनावमुक्त रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है योगा, मेडिटेशन और नियमित एक्सरसाइज। इससे शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं और तनाव का स्तर घटता है। इसके अलावा दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, उनसे अपने मन की बातें शेयर करना, संगीत सुनना, अपने मनपसंद काम में मन लगाना व अन्य तरीकों को अपनाकर भी तनाव को दूर किया जा सकता है।


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