Ovarian Cyst Treatment in Hindi: महिलाएं जान लें ये जरूरी बातें!
- Doc Tube
- Aug 7, 2024
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Updated: Aug 8, 2024

ओवरी यानी कि अंडाशय महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक अहम हिस्सा है। महिला के शरीर में 2 ओवरी पायी जाती हैं, जिनमें हर महीने एग रिलीज होता है। ओवरी में किसी तरह की तकलीफ महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है क्योंकि इसका असर माहवारी से लेकर प्रेगनेंसी तक पर पड़ सकता है। ओवेरियन सिस्ट भी एक ऐसी ही बीमारी है, जिसका समय पर पता चलना और इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) होना जरूरी है ताकि महिलाओं को आगे चलकर कोई परेशानी न हो।
क्या होता है ओवेरियन सिस्ट (Cyst Meaning in Hindi)?
ओवेरियन सिस्ट तब होता है, जब अंडाशय के अंदर एक झिल्ली के भीतर तरल पदार्थ जमा हो जाता है। ओवेरियन सिस्ट का आकार अलग-अलग हो सकता है और आकार के आधार पर ही इलाज का निर्णय लिया जाता है1।
शोध में सामने आये आंकड़ों के अनुसार 65 वर्ष की आयु तक तकरीबन 4% महिलाओं को ओवेरियन सिस्ट के इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। बुजुर्ग महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट आम है। रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के बाद 18% महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट की समस्या देखी जाती है। हालांकि, इस बीमारी के ज्यादातर मामले बिनाइन होते हैं2।
ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst in Hindi) में नजर आते हैं ये लक्षण
कई बार सिस्ट होने पर लक्षण नजर नहीं आते। किसी अन्य तकलीफों की जाँच के दौरान सिस्ट का पता चलता है। अगर इसके लक्षण नजर आये भी, तो वे अन्य समस्याओं से मिलते-जुलते हो सकते हैं, जैसे मूत्र पथ का संक्रमण (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन), अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेगनेंसी), गुर्दे की समस्याएं या आंत्र कैंसर आदि।
जहाँ तक बात ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों की है, तो इनमें शामिल हैं1-
मासिक धर्म में परिवर्तन
योनि से असामान्य रक्तस्राव
पेल्विक क्षेत्र में दर्द
पीठ के निचले हिस्से और जांघों में हल्का दर्द
मासिक धर्म शुरू होने या समाप्त होने से ठीक पहले दर्द
सेक्स के दौरान पेल्विक क्षेत्र या पेट में दर्द
मल त्याग करते समय दर्द
आंतों पर दबाव या बार-बार मल त्याग करना
बार-बार पेशाब आना
अचानक से वजन घटना
सामान्य से कम खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस होना
पेट फूलना या सूजन
इन लक्षणों के नजर आने पर तुरंत जाँच कराना चाहिये ताकि समय रहते ओवेरियन सिस्ट का इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) हो सके। वैसे इसके इलाज के लिए कारणों का पता होना भी बेहद आवश्यक है, जो कि कई सारे हैं।
ओवेरियन सिस्ट (Cyst in Hindi) के कारण जानें
ओवेरियन सिस्ट किसी भी उम्र में हो सकते हैं लेकिन प्रजनन के वर्षों में यह समस्या अधिक आम है। साधारण सिस्ट सभी आयु समूहों में होने की सबसे अधिक संभावना होती है। जहाँ तक बात इसके कारणों की है, तो कई सारे रिस्क फैक्टर्स इस बीमारी का खतरा बढ़ा देते हैं, जिनमें शामिल है3-
बांझपन का उपचार- गोनैडोट्रोपिन या अन्य ओव्यूलेशन इंडक्शन एजेंट्स के साथ इलाज किए गए मरीजों में सिस्ट का जोखिम बढ़ जाता है। ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम के हिस्से के रूप में अंडाशय में सिस्ट विकसित हो सकते हैं।
गर्भावस्था- गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst in Hindi) बन सकते हैं क्योंकि इस दौरान एचसीजी का स्तर अधिक होता है।
हाइपोथायरायडिज्म- इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
सिगरेट- धूम्रपान या सिगरेट का सेवन ओवेरियन सिस्ट के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है।
जानें ओवेरियन सिस्ट (Cyst in Hindi) का निदान
ओवेरियन सिस्ट का पता लगाने के लिए कई जांचें की जाती हैं और उसी के आधार पर मरीज का इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) किया जाता है। सबसे पहले मरीज का अल्ट्रासाउंड स्कैन किया जाता है। यदि अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान सिस्ट का पता चलता है, तो कुछ हफ्तों में दोबारा अल्ट्रासाउंड स्कैन की आवश्यकता हो सकती है या डॉक्टर महिला को स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह दे सकते हैं।
अगर डॉक्टर को लगता है कि ओवेरियन सिस्ट कैंसरग्रस्त हो सकता है, तो ऐसे में रक्त परीक्षण किया जा सकता है4। कभी-कभी सीटी स्कैन या एमआरआई कराने की भी जरूरत पड़ सकती है।
कैसे किया जाता है ओवेरियन सिस्ट का इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi)?
ओवेरियन कैंसर के उपचार के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन रोगी की उम्र, रजोनिवृत्ति की स्थिति, सिस्ट के आकार व अन्य कई बातों पर इसका इलाज निर्भर करता है।
इस बारे में पुणे से स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. शिप्रा कुंवर बताती हैं कि अगर महिला की उम्र कम है और उसके ओवेरियन सिस्ट की लंबाई 5 सेंटीमीटर है, तो ऐसी स्थिति में कुछ नहीं किया जाता। ये सिस्ट अपने आप ठीक हो जाते हैं। बस अल्ट्रासाउंड के माध्यम से समय-समय पर इसकी जाँच की जाती है। वहीं अगर सिस्ट का आकार बड़ा है, मरीज को दर्द हो रहा है या सिस्ट के कैंसरग्रस्त होने की आशंका नजर आती है, तब इसे लेप्रोस्कोपी के माध्यम से निकाल दिया जाता है। जो महिलाएं लेप्रोस्कोपी नहीं करवाना चाहती हैं, वो पेट में चीरा लगाकर ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) को बाहर निकलवा सकती हैं5।
ओवेरियन सिस्ट (Cyst in Hindi) से हो सकती हैं ये परेशानियां
ओवेरियन सिस्ट महिला के शरीर में कई सारी परेशानियां पैदा कर सकता है। इससे पेल्विक दर्द, सिस्ट टूटना, रक्त की हानि या ओवेरियन टॉर्शन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसीलिए, समय पर इस समस्या का इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) होना जरूरी है6।
निष्कर्ष (Conclusion)
जो महिलाएं माहवारी में परिवर्तन, योनि से रक्तस्त्राव, पेट के निटले हिस्से में दर्द व अन्य परेशानियों का सामना कर रही हैं, वे बिना देरी किये अपनी जाँच कराएं। ये लक्षण ओवेरियन सिस्ट का संकेत हो सकते हैं। इस बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसका इलाज (Ovarian Cyst Treatment in Hindi) संभव है लेकिन इसके लिए समय पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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